सेशन कोर्ट (Sessions Court) ने निचली अदालत द्वारा पत्नी को प्रतिमाह 25 हजार रुपये के गुजाराभत्ता देने के आदेश को रद्द कर दिया. सत्र अदालत ने कहा कि पति-पत्नी के विवाद में हर बार पति गलत नहीं होता है, इसलिए अदालतों को पुरुष का पक्ष भी सुनना चाहिए.
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