डिजिटल डेस्क, गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुजरात दौरे का आज दूसरा दिन है। आज शनिवार को पीएम मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचे और सरदार पटेल को पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद पीएम राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में शामिल हुए। पीएम मोदी ने केवड़िया में राष्ट्रीय एकता दिवस परेड का निरीक्षण किया और परेड की सलामी ली। इस परेड में एनएसजी, एनडीआरएफ, गुजरात पुलिस, सीआरपीएफ की महिला यूनिट जैसी सुरक्षा एजेंसियां शामिल हुई। परेड से पहले पीएम मोदी ने सुरक्षा एजेंसियों के जवानों को राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा की शपथ दिलाई।
पीएम मोदी का संबोधन:
-पुलिस बेड़े के वीर बेटे-बेटों के नाम- भारत माता की जय। कोरोना के समय में सेवारत कोरोना वॉरियर्स के नाम- भारत माता की जय
आत्मनिर्भरता के संकल्प को पूरा करने में जुटे कोटि-कोटि लोगों के नाम- भारत माता की जय।
-सभी देशवासियों को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। देश की सैकड़ों रियासतों को, राजे-रजवाड़ों को एक करके, देश की विविधता को आधार भारत की शक्ति बनाकर सरदार पटेल ने हिंदुस्तान को वर्तमान स्वरूप दिया।
-2014 में हमने उनके जन्मदिवस को भारत की एकता के पर्व के रूप में मनाने की शुरुआत की थी। इन 6 वर्षों में देश ने गांव से लेकर शहरों तक, कश्मीर से कन्याकुमारी तक, पूरब से लेकर पश्चिम तक सभी ने एक भारत - श्रेष्ठ भारत के संकल्प को पूरा करने का प्रयास किया है।
-कल से लेकर अब तक केवड़िया में जंगल सफारी, एकता मॉल, चिल्ड्रन न्यूट्रिशन पार्क जैसे अनेक नए स्थलों का लोकार्पण हुआ है। बहुत ही कम समय में सरदार सरोवर डैम के साथ जुड़ा ये भव्य निर्माण एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना का, नए भारत की प्रगति का तीर्थ स्थल बन गया है।
-आज सरदार सरोवर से साबरमती रिवर फ्रंट तक सी-प्लेन सेवा का भी शुभारंभ होने जा रहा है। सरदार साहब के दर्शन के लिए, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए देशवासियों को अब सी-प्लेन सर्विस का भी विकल्प मिलेगा। ये सारे प्रयास इस क्षेत्र में पर्यटन को भी बहुत ज्यादा बढ़ाने वाले हैं।
-ये भी अद्भुत संयोग है कि आज ही वाल्मीकि जयंती भी है। आज हम भारत की जिस सांस्कृतिक एकता का दर्शन करते हैं, जिस भारत को अनुभव करते हैं, उसे और जीवंत और ऊर्जावान बनाने का काम सदियों पहले आदिकवि महर्षि वाल्मीकि ने ही किया था।
-भारत के लिए इस अद्भुत भावना को आज हम यहां मां नर्मदा के किनारे सरदार साहब की भव्य प्रतिमा की छांव में और करीब से महसूस कर सकते हैं। भारत की यही ताकत हमें हर आपदा से, हर विपत्ति से लड़ना सिखाती है और जीतना भी सिखाती है।
-किसी ने कल्पना नहीं की थी कि पूरी मानवजाति को कोरोना जैसी महामारी की सामना करना पड़ेगा। लेकिन इस महामारी के सामने देश ने जिस तरह अपने सामूहिक सामर्थ्य को, अपनी सामूहिक इच्छाशक्ति को साबित किया वो अभूतपूर्व है।
-कोरोना वारियर्स के सम्मान में 130 करोड़ देशवासियों ने एक होकर जो जज्बा दिखाया, एकता का जो संदेश दिया, उसने 8 महीने से हमें इस संकट से लड़ने, जूझने और विजयपथ पर आगे बढ़ने की ताकत दी है।
-आज भारत कोरोना से उभर भी रहा है और एकजुट होकर आगे भी बढ़ रहा है। ये वैसी ही एकजुटता है जिसकी कल्पना लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने की थी।
-हमारे कोरोना वारियर्स हमारे पुलिस के अनेक होनहार साथियों ने दूसरों का जीवन बचाने के लिए अपना जीवन दे दिया। आजादी के बाद मानव सेवा और सुरक्षा के लिए जीवन देना इस देश के पुलिस बेड़े की विशेषता रही है।
*विपदाओं और चुनौतियों के बीच ही देश ने ऐसे काम किए है जो कभी असंभव मान लिए गये थे। इसी मुश्किल समय में धारा 370 हटने के बाद कश्मीर ने समावेश का एक साल पूरा किया।
*अन्य विरासतों के साथ ही ये कार्य भी सरदार साहब के ही जिम्मे अगर होता, तो आज आजादी के इतने वर्षों बाद ये काम पूरा करने की नौबत मुझपर नहीं आती। सरदार साहब का वो काम अधूरा था। उन्हीं की प्रेरणा से 130 करोड़ देशवासियों को उस कार्य को पूरा करने का भी सौभाग्य मिला।
*कश्मीर के विकास में जो बाधायें आ रही थीं, उन्हें पीछे छोडकर अब कश्मीर विकास के नए मार्ग पर बढ़ चुका है। चाहे नॉर्थईस्ट में शांति की बहाली हो, या नॉर्थईस्ट के विकास के लिए उठाए जा रहे कदम, आज देश एकता के नए आयाम स्थापित कर रहा है।
*सोमनाथ के पुनर्निर्माण से सरदार पटेल ने भारत के सांस्कृतिक गौरव को लौटाने का जो यज्ञ शुरू किया था, उसका विस्तार देश ने अयोध्या में भी देखा है। देश राममंदिर पर सुप्रीमकोर्ट के फैसले का साक्षी बना है, और भव्य राममंदिर को बनते भी देख रहा है।
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