पिछले साल गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की आक्रामकता का उल्लेख करते हुए शशि थरूर ने कहा कि यह कोई छोटा मामला नहीं था. इससे पता चलता है कि भारतीय अनुभवों में चीन की आक्रामक कूटनीति बयानबाजी से आगे निकल गई है और यह शक्ति प्रदर्शन से आगे बढ़कर हावी होने तक पहुंच गई है.
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