Parliamentary Panel की इस बैठक में गूगल प्रतिनिधि ने माना कि वो कुछ बातें सुनते हैं लेकिन संवेदनशील बातों को नहीं सुनते. सांसदों ने पूछा कि ये गूगल कैसे तय करेगा कि क्या संवेदनशील है और क्या नहीं.
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